पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी 08:05amतक उपरि नवमी शुक्रवार रेवती नक्षत्र ३०/१२/२०२२

शतं विहाय भोक्तव्यं,
सहस्रं स्नानमाचरेत्।
लक्षं विहाय दातव्यं,
कोटिं त्यक्त्वा हरिँ भजेत्।।

अर्थात – सैकड़ों काम छोड़कर भोजन करना चाहिए , हजारो काम छोड़कर स्नान करना चाहिए, लाखो काम छोड़कर दान करना चाहिए और करोड़ो काम छोड़ कर ईश्वर का स्मरण करना चाहिए ईश्वर का स्मरण ही जीवन को शान्ति प्रदान करके परम लक्ष्य की ओर ले जाता है

मङ्गलं सुप्रभातम्

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