पौष शुक्ल पक्ष षष्ठी 10:15am तक उपरि सप्तमी बुधवार शतभिषा नक्षत्र २८/१२/२०२२

यत् सुखं सेवमानोपि
धर्मार्थाभ्यां न हीयते।
कामं तदुप सेवेत
न मूढ व्रतमाचरेत्॥

अर्थात – मनुष्य को न्यायपूर्वक धर्म के मार्ग पर चलकर अर्थ का संग्रह करना चाहिए और भौतिक सुखों का भरपूर उपभोग करना चाहिए, लेकिन उनमें इतना आसक़्त नही हो जाना चाहिए जिससे अधर्म के मार्ग पर जाना पड़ जाए अर्थात वही संसार ही अच्छा लगने लगे और धर्म का पथ ही छूट जाए और जीवन मूल उद्देश्य से भटक जाए

मङ्गलं सुप्रभातम्

BOOK MANDIR

Book Mandir for any occasion

Book Mandir
Inquire now