पौष शुक्ल पक्ष दिन मे चतुर्थी3|09pmतक उपरि पंचमी सोमवार नक्षत्र धनिष्ठा २६|१२|२०२२संवत २०७९

हेयं दु:खमनागतं
ध्येयं व्रह्म सनातनम् ।
आदेयं कायिकं सुखं
विधेयं जन सेवनम्। ।

अर्थात जीवन मे दुख के आने से पहले ही उसके रोकने का उपाय करना सदैव भगवान पर भरोसा करना शारीरिक सुख को सुरक्षित रखना और सामर्थ्य के अनुसार समाज की सेवा करना जो अपना लक्ष्य वना लेता है उसी का जीवन सफल तथा सुखमय होता है

मंगलमय शुभ दिवस ।

BOOK MANDIR

Book Mandir for any occasion

Book Mandir
Inquire now